
Lucknow. भारत और चीन के बीच बीते कई महीनों से तनाव जारी है। एलएसी पर चीन अपने सैन्य पराक्रम को दिखाना चाहता है, लेकिन उसे हर बार मायूसी हाथ लग रही है। दरअसल, भारत की हर मोर्चे पर तैयारी पुख्ता है।
एलएसी पर भारतीय सेना पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है। भारतीय वायुसेना का बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर भी लद्दाख में तैनात है। इस विमान से रसद खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाएगी। आज ग्लोबमास्टर को लेह एयरबेस में लैंड कराया गया। इसके बाद वायुसेना ने चिनूक हेलीकॉप्टर को भी तैयार कर रखा है। लद्दाख इलाके में चिनूक भी अपने काम में जुटा हुआ है। इन दोनों विमानों को खास तौर पर आपूर्ति के लिए तैयार किया जा रहा है। अगर चीन से किसी भी वक्त युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो जरुरी सामानों की आपूर्ति के लिए ये हमेशा तैनात रहेंगे।
भारत ने अपने पास मौजूद सभी विकल्प बॉर्डर के पास मौजूद रखे हैं। सर्विलांस के लिए ड्रोन्स का सहारा लिया ही जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें और बेहतर बनाने की तैयारी भी है। डीआरडीओ ने रुस्तम-2 ड्रोन का सफल फ्लाइट टेस्ट किया है।
बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। पॉम्पियो ने मंगलवार को तोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।